ITI (Industrial Training Institute) भारत में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह तकनीकी और गैर-तकनीकी कोर्स के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करता है। आइए जानते हैं ITI में उपलब्ध कोर्स से जुड़ी जानकारी।
ITI में कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं?
ITI में तकनीकी और गैर-तकनीकी कोर्स विभिन्न छात्रों की रुचियों और उद्योग की मांगों को पूरा करते हैं। इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रों के लिए भी विशेष कोर्स उपलब्ध हैं। इन कोर्सों की विस्तृत जानकारी आप DGET (Directorate General of Employment and Training) की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कोर्सों की सूची दी गई है:
तकनीकी कोर्स (Technical Courses):
तकनीकी कोर्स छात्रों को उपकरणों, मशीनों और तकनीकी कौशल का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं। ये कोर्स छात्रों को इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार तैयार करते हैं, जिससे वे सीधे रोजगार प्राप्त करने के लिए सक्षम बनते हैं।Trades | Sector | Duration |
---|---|---|
Electrician | Power | 2 Year |
Wireman | Power | 2 Year |
Fitter | Capital Goods And Manufacturing | 2 Year |
Welder | Capital Goods And Manufacturing | 1 Year |
Draughtsman Mechanical | Capital Goods And Manufacturing | 2 Year |
Machinist | Capital Goods And Manufacturing | 2 Year |
Turner | Capital Goods And Manufacturing | 2 Year |
Mechanic Diesel | Automotive | 1 Year |
Motor Mechanic Vehicle | Automotive | 2 Year |
Draughtsman Civil | Construction | 2 Year |
Surveyor | Construction | 2 Year |
Plumber | Plumbing | 1 Year |
Information and Communication Technology System Maintenance | IT & ITES | 2 Year |
Information and Communication Technology | IT & ITES | 2 Year |
गैर-तकनीकी कोर्स (Non-Technical Courses):
गैर-तकनीकी कोर्स छात्रों को व्यावसायिक और सामान्य कौशल में प्रशिक्षित करते हैं, जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होते हैं। ये कोर्स स्वरोजगार के अवसर और सेवा उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने के लिए सहायक होते हैं।
Trades | Sector | Duration |
---|---|---|
Computer Operator and Programming Assistant | IT & ITES | 1 Year |
Computer Hardware and Network Maintenance | IT & ITES | 1 Year |
Sewing Technology | Apparel | 1 Year |
Stenographer and Secretarial Assistant (Hindi / English) | Office Administration & Facility Management | 1 Year |
Dress Making | Apparel | 1 Year |
Cosmetology | Beauty & Wellness | 1 Year |
Health Sanitary Inspector | Healthcare | 1 Year |
Fashion Design and Technology | Apparel | 1 Year |
दिव्यांग छात्रों के लिए कोर्स (Courses for Divyang):
दिव्यांग छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, विशेष कोर्स डिजाइन किए गए हैं, जो उनकी क्षमताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
Trades | Sector | Duration |
---|---|---|
Computer Operator and Programming Assistant (VI & OD) | IT & ITES | 1 Year |
Desktop Publishing Operator (VI & OD) | IT & ITES | 1 Year |
Cutting and Sewing (VI & OD) | Apparel | 1 Year |
Hair and Skin Care (VI & OD) | Beauty & Wellness | 1 Year |
Metal Cutting Attendant (VI) | Capital Goods And Manufacturing | 2 Year |
ITI के कोर्स की अवधि, संरचना, और प्रवेश हेतु न्यूनतम योग्यता
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के कोर्स छात्रों की जरूरत और उद्योग की मांग के अनुसार डिजाइन किए गए हैं। इन कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करना है, जिससे वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
कोर्स की अवधि (Course Duration)
- 6 महीने के कोर्स: ये शॉर्ट-टर्म कोर्स होते हैं, जो छात्रों को जल्दी से किसी विशेष कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए बनाए गए हैं।
- 1 साल के कोर्स: मध्यम अवधि के कोर्स, जो सामान्य तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करते हैं।
- 2 साल के कोर्स: ये कोर्स उन छात्रों के लिए होते हैं, जो किसी विशेष तकनीकी क्षेत्र में गहराई से प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।
ITI कोर्स की अवधि अलग-अलग ट्रेड और उनकी जटिलता के आधार पर भिन्न होती है:
कोर्स की संरचना
- सैद्धांतिक कक्षाएं:छात्रों को बुनियादी और उन्नत स्तर का तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जाता है, जो उनके ट्रेड के सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है।
- प्रैक्टिकल प्रशिक्षण: इंडस्ट्री के उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करते हुए छात्रों को व्यावहारिक अनुभव दिया जाता है। यह उन्हें वास्तविक कार्य परिस्थितियों के लिए तैयार करता है।
- इंटरनशिप/ऑन-जॉब ट्रेनिंग (OJT):कुछ कोर्स में प्रशिक्षु के रूप में काम करने का अवसर मिलता है, जिससे छात्रों को फील्ड का अनुभव होता है।
ITI कोर्स इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि छात्रों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों तरह की शिक्षा दी जाती है :
प्रवेश हेतु न्यूनतम योग्यता
ITI में प्रवेश के लिए सामान्यतः 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है, लेकिन कुछ विशेष ट्रेडों के लिए 8वीं कक्षा भी मान्य हो सकती है।
ITI के लोकप्रिय ट्रेड्स
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कुछ ट्रेड्स ऐसे हैं जो छात्रों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय हैं:
- COPA (Computer Operator and Programming Assistant)
- इलेक्ट्रीशियन (Electrician)
- फिटर (Fitter)
- वेल्डर (Welder)
- डीजल मैकेनिक (Diesel Mechanic)
- ड्रेस मेकिंग (Dress Making)
कोर्स चुनने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
जब आप ITI में कोर्स चुनने की सोच रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:अपनी रुचि और करियर लक्ष्य को समझें
अपने व्यक्तिगत रुचियों और भविष्य के करियर लक्ष्यों को पहचानें। ऐसा कोर्स चुनें जो आपकी रुचियों से मेल खाता हो और आपके करियर के लिए लाभदायक हो।
कोर्स की अवधि और फीस पर विचार करें
कोर्स की अवधि और उसके लिए आवश्यक शुल्क का ध्यान रखें। सुनिश्चित करें कि आप इस अवधि को पूरा कर सकते हैं और फीस आपके बजट में है।
भविष्य के नौकरी के अवसरों का आकलन करें
जिस ट्रेड में आप कोर्स करना चाहते हैं, उसके भविष्य में नौकरी के अवसरों की समीक्षा करें। जानें कि उद्योग में उस कौशल की मांग कितनी है और आपके लिए रोजगार के अवसर क्या हैं।
ITI संस्थान की मान्यता और गुणवत्ता की जांच करें
ITI संस्थान की मान्यता, गुणवत्ता और प्रशिक्षकों के अनुभव को ध्यान में रखें। एक प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने से आपकी रोजगार संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
ITI के कोर्स की भविष्य की संभावनाएँ
सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर
ITI कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करने के कई विकल्प होते हैं। रेलवे, बिजली विभाग, सरकारी फैक्ट्रियां, और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (PSUs) ITI छात्रों के लिए नियमित रूप से भर्ती करती हैं। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल, और कंस्ट्रक्शन जैसी निजी कंपनियों में भी कुशल श्रमिकों की मांग रहती है।
स्वरोजगार के अवसर
ITI कोर्स छात्रों को स्वरोजगार के लिए भी तैयार करता है। वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मैकेनिक, और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे कौशल-आधारित क्षेत्रों में अपना व्यवसाय शुरू करना आसान हो जाता है। सरकारी योजनाओं और लोन के माध्यम से स्वरोजगार को और भी प्रोत्साहन मिलता है।
उच्च शिक्षा के लिए रास्ते
ITI के बाद छात्र उच्च शिक्षा के लिए भी कदम बढ़ा सकते हैं।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा: ITI के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेकर वे अपने तकनीकी ज्ञान को और भी उन्नत बना सकते हैं।
अप्रेंटिसशिप: अप्रेंटिसशिप के माध्यम से उद्योगों में प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त कर सकते हैं, जो भविष्य में उनके करियर के लिए सहायक होता है।
क्राफ्ट्स इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग स्कीम (Crafts Instructor Training Scheme - CITS)
CITS (क्राफ्ट्स इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग स्कीम) उन छात्रों के लिए है, जो ITI में प्रशिक्षक (Instructor) बनना चाहते हैं। इस कोर्स के बाद छात्र किसी भी ITI संस्थान में ट्रेनर या शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं। यह कोर्स छात्रों को शिक्षण के साथ-साथ उद्योगों में तकनीकी और प्रशिक्षण विशेषज्ञता प्रदान करता है।निष्कर्ष
ITI के कोर्स छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करके उनके करियर को मजबूत बनाते हैं। अगर आप एक व्यावहारिक शिक्षा की तलाश में हैं, तो ITI कोर्स आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।