सेकेंडरी मेमोरी | Secondary Memory in Hindi

आधुनिक कंप्यूटर सिस्टम्स में, डेटा स्टोरेज की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाए रखने के लिए, केवल अस्थायी रूप से डेटा को स्टोर करना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसे स्थायी रूप से संग्रहीत करना भी आवश्यक है। यही कारण है कि सेकेंडरी मेमोरी का महत्व बढ़ जाता है। यह मेमोरी डेटा को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और आवश्यकता पड़ने पर उसे पुनः प्राप्त करने में मदद करती है। सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग विभिन्न प्रकार के डेटा को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है, चाहे वह ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित हो या उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत फाइलें हों।

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इस लेख के माध्यम से हम सेकेंडरी मेमोरी के निम्नलिखित पहलुओं के बारे में विस्तार से जानेंगे:

सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है? | What is Secondary Memory?

सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) वह स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा और फाइलों को लंबे समय के लिए स्थायी रूप से स्टोर करती है। यह CPU से सीधे जुड़ी नहीं होती, बल्कि motherboard से wires (जैसे SATA या USB केबल्स) के माध्यम से कनेक्ट होती है। इसे सहायक (Auxiliary) या बाह्य (External) डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है

सेकेंडरी मेमोरी के लिए "मेमोरी" शब्द का उपयोग न करके स्टोरेज डिवाइस का उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि मेमोरी शब्द आमतौर पर प्राइमरी मेमोरी (जैसे RAM) के लिए इस्तेमाल होता है, जो CPU द्वारा सीधे एक्सेस की जा सकती है और डेटा को अस्थायी रूप से संग्रहित करती है।

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस की क्षमता बहुत अधिक होती है, लेकिन इसमें डेटा और निर्देशों तक पहुँच धीमी होती है, जिससे डेटा को एक्सेस और प्रोसेस करने में अधिक समय लगता है।

सेकेंडरी मेमोरी नॉन-वोलाटाइल होती है, जिसका मतलब है कि यह पावर बंद होने पर भी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करती है।

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार | Types of Secondary Memory

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सेकेंडरी मेमोरी को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

मैग्नेटिक स्टोरेज | Magnetic Storage

मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस वे डिवाइस होती हैं जो डेटा स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक तकनीक का उपयोग करती हैं। इनमें डेटा को मैग्नेटिक सामग्री की सतह पर 1 और 0 के रूप में मैग्नेटिक ध्रुवीयता के रूप में रिकॉर्ड किया जाता है। मैग्नेटिक स्टोरेज को मैग्नेटिक डिस्क (Magnetic Disk) के नाम से भी जाना जाता है।

इस तकनीक में डेटा को पढ़ने और लिखने के लिए हेड्स का उपयोग किया जाता है, जो चुंबकीय प्लेट्स पर डेटा को रिकॉर्ड करते हैं। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है, और इसकी लागत अपेक्षाकृत कम होती है। हालाँकि, डेटा रीड/राइट की गति SSDs की तुलना में धीमी होती है, लेकिन यह बड़े डेटा स्टोरेज के लिए उपयुक्त होता है।

मैग्नेटिक स्टोरेज में डेटा एक्सेस की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) में रैंडम एक्सेस (Random Access) की विधि होती है, जिससे किसी भी स्थान से सीधे डेटा पढ़ा जा सकता है, जबकि मैग्नेटिक टेप में डेटा क्रमिक (Sequential) रूप से पढ़ा और लिखा जाता है।

मैग्नेटिक स्टोरेज में मूविंग पार्ट्स (Moving Parts) होते हैं, जो इसे भौतिक क्षति (Physical Damage) के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं।

मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस के प्रकार | Types of Magnetic Storage Device

  • हार्ड डिस्क ड्राइव | Hard Disk Drive - HDD
  • मैग्नेटिक टेप ड्राइव | Magnetic Tape Drive
  • फ्लॉपी डिस्क | Floppy Disk
  • हार्ड डिस्क ड्राइव | Hard Disk Drive - HDD

    यह सबसे आम मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग कंप्यूटर में बड़े पैमाने पर डेटा स्टोरेज के लिए किया जाता है। इसमें गोलाकार प्लेट्स (प्लैटर) होते हैं, जिन पर चुंबकीय कोटिंग होती है। रीड/राइट हेड्स इन प्लेट्स पर डेटा को बाइनरी फॉर्मेट में स्टोर और एक्सेस करते हैं। HDD की स्टोरेज क्षमता बड़ी होती है और यह नॉन-वोलाटाइल होती है, जिससे डेटा बिजली बंद होने पर भी सुरक्षित रहता है। इसमें Random Access तकनीक का उपयोग किया जाता है, जो किसी भी डेटा को सीधे एक्सेस करने की सुविधा देती है। यह इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों रूपों में उपलब्ध है।

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    मैग्नेटिक टेप ड्राइव | Magnetic Tape Drive

    यह एक लंबी प्लास्टिक की टेप होती है, जिस पर डेटा को सीक्वेंशियल (Sequential ) रूप से स्टोर किया जाता है। मैग्नेटिक टेप में डेटा को क्रमिक रूप से पढ़ा और लिखा जाता है, जिससे इसे बड़ी मात्रा में डेटा के बैकअप और संग्रहण के लिए आदर्श माना जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से पुराने कंप्यूटर सिस्टम्स और बड़ी कंपनियों में दीर्घकालिक डेटा बैकअप के लिए किया जाता था, क्योंकि यह सस्ता और विश्वसनीय होता है, लेकिन इसकी डेटा एक्सेस की गति अपेक्षाकृत धीमी होती है।

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    फ्लॉपी डिस्क | Floppy Disk

    यह एक पुरानी मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग छोटी मात्रा में डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता था। फ्लॉपी डिस्क में एक पतली और लचीली मैग्नेटिक डिस्क होती थी, जो प्लास्टिक के कवर के अंदर सुरक्षित रहती थी।

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    फ्लॉपी डिस्क के दो सामान्य आकार होते थे:

    • 5.25 इंच:इस आकार की फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 1.2 MB तक होती थी।
    • 3.5 इंच:यह आकार अधिक लोकप्रिय था और इसकी स्टोरेज क्षमता 1.44 MB तक होती थी।

    इसका उपयोग मुख्य रूप से दस्तावेज़ों, सॉफ़्टवेयर, और अन्य छोटे फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में स्थानांतरित करने के लिए किया जाता था। कंप्यूटर में A: और B: ड्राइव फ्लॉपी डिस्क के लिए रिजर्व होती थी। फ्लॉपी डिस्क में Random Access तकनीक का उपयोग किया जाता था, जिससे डेटा को सीधे एक्सेस किया जा सकता था। हालाँकि, आज फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल लगभग खत्म हो गया है और इसकी जगह आधुनिक स्टोरेज डिवाइस, जैसे USB ड्राइव और हार्ड डिस्क, ने ले ली है।

    ऑप्टिकल स्टोरेज | Optical Storage

    ऑप्टिकल स्टोरेज, जिसे ऑप्टिकल मीडिया (Optical Media) और ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disc) के नाम से भी जाना जाता है, डेटा स्टोरेज की एक महत्वपूर्ण तकनीक है। इसमें डेटा को लेज़र बीम की सहायता से स्टोर और पढ़ा जाता है। ऑप्टिकल डिस्क की सतह पर छोटे गड्ढे (pits) और सपाट क्षेत्र (lands) होते हैं, जो डिजिटल डेटा का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब लेज़र बीम इन गड्ढों और सपाट क्षेत्रों पर पड़ता है, तो यह सिग्नल को रिफ्लेक्ट करता है और उसे डिजिटल डेटा में परिवर्तित कर देता है।

    ऑप्टिकल डिस्क्स की सबसे बड़ी विशेषता उनकी पोर्टेबिलिटी है, इन्हें आसानी से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसका मुख्य उपयोग मीडिया फाइल्स, जैसे कि वीडियो, ऑडियो, और सॉफ़्टवेयर के वितरण में होता है, विशेष रूप से उन समयों में जब अन्य स्टोरेज विधियाँ उपलब्ध नहीं थीं या महंगी थीं।

    हालांकि, ऑप्टिकल डिस्क्स की स्टोरेज क्षमता सीमित होती है और ये बड़े डेटा स्टोरेज आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त नहीं होतीं। इनके मुकाबले, आधुनिक SSDs और HDDs की तुलना में डेटा पढ़ने की स्पीड भी अपेक्षाकृत धीमी होती है।

    ऑप्टिकल डिस्क्स का स्टैंडर्ड आकार 120 मिलीमीटर (12 सेमी) होता है, जो CD, DVD, और Blu-ray डिस्क्स के लिए मानक है और सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, ऑप्टिकल डिस्क्स में डेटा एक्सेस करने की प्रक्रिया रैंडम (Random) होती है, जिससे आप डिस्क पर किसी भी स्थान के डेटा को सीधे एक्सेस कर सकते हैं।

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    ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस के प्रकार | Types of Optical Storage Device

  • सीडी - कॉम्पैक्ट डिस्क | CD - Compact Disc
  • डीव्हीडी - डिजिटल वर्सटाइल डिस्क | DVD - Digital Versatile Disc
  • ब्लू - रे डिस्क | Blu-ray Disc
  • सीडी - कॉम्पैक्ट डिस्क | CD - Compact Disc

    CD एक प्रकार की ऑप्टिकल डिस्क है जिसे 1980 के दशक में विकसित किया गया था। इसे मुख्य रूप से म्यूजिक एल्बम को स्टोर करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन बाद में इसका उपयोग सॉफ़्टवेयर और अन्य डिजिटल डेटा के लिए भी किया जाने लगा।

    CD की सामान्य स्टोरेज क्षमता 700 MB तक होती है, जो लगभग 80 मिनट के ऑडियो या मध्यम आकार के डेटा को स्टोर करने के लिए पर्याप्त होती है।

    सीडी के प्रकार | Types of CD
    • CD-ROM (Read-Only Memory): इस प्रकार की CD पर डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है, लेकिन लिखा नहीं जा सकता।
    • CD-R (Recordable): इस CD पर डेटा को एक बार लिखा जा सकता है, लेकिन इसे मिटाया नहीं जा सकता।
    • CD-RW (Rewritable): इस CD पर डेटा को कई बार लिखा और मिटाया जा सकता है।
    डीव्हीडी - डिजिटल वर्सटाइल डिस्क | DVD - Digital Versatile Disc

    DVD एक उन्नत ऑप्टिकल डिस्क है, जिसे 1990 के दशक में विकसित किया गया था। इसे CD की तुलना में अधिक डेटा स्टोरेज और बेहतर वीडियो गुणवत्ता के लिए डिज़ाइन किया गया है।

    DVD की सामान्य स्टोरेज क्षमता 4.7 GB (सिंगल लेयर) और 8.5 GB (डुअल लेयर) तक होती है, जो CD की तुलना में काफी अधिक है।

    डीव्हीडी के प्रकार | Types of DVD
    • DVD-ROM (Read-Only Memory): इस प्रकार की DVD पर डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है।
    • DVD-R/DVD+R (Recordable): इस DVD पर डेटा को एक बार लिखा जा सकता है।
    • DVD-RW/DVD+RW (Rewritable): इस DVD पर डेटा को कई बार लिखा और मिटाया जा सकता है।
    ब्लू - रे डिस्क | Blu-ray Disc

    Blu-ray Disc का विकास 2000 के दशक में हुआ और यह HD (High Definition) और Ultra-High Definition (4K) वीडियो को स्टोर करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह DVD से भी अधिक उन्नत और उच्च क्षमता वाली ऑप्टिकल डिस्क है।

    Blu-ray Disc की स्टोरेज क्षमता 25 GB (सिंगल लेयर) से 50 GB (डुअल लेयर) तक होती है, जो DVD और CD दोनों से कहीं अधिक है। कुछ नवीनतम Blu-ray डिस्क्स की क्षमता 100 GB या उससे अधिक हो सकती है।

    ब्लू - रे डिस्क के प्रकार | Types of Blue – ray Disc
    • BD-ROM (Read-Only Memory): इस डिस्क पर डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है।
    • BD-R (Recordable): इस डिस्क पर डेटा को एक बार लिखा जा सकता है।
    • BD-RE (Rewritable): इस डिस्क पर डेटा को कई बार लिखा और मिटाया जा सकता है।
    सीडी, डीव्हीडी और ब्लू – रे डिस्क में मुख्य अंतर | Main Differences between CD, DVD and Blue – Ray Disc
    • स्टोरेज क्षमता: CD < DVD < Blu-ray Disc
    • डेटा एक्सेस स्पीड: Blu-ray Disc > DVD > CD

    फ्लैश स्टोरेज डिवाइस | Flash Storage Device

    फ्लैश मेमोरी एक नॉन-वोलाटाइल स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग SSD, यूएसबी ड्राइव, और मेमोरी कार्ड में किया जाता है। फ्लैश मेमोरी के अंदर डेटा को स्टोर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स का उपयोग होता है, जो डेटा को सुरक्षित रखता है। फ्लैश मेमोरी की प्रमुख विशेषताएँ हैं इसकी तेज़ डेटा एक्सेस स्पीड और बिना किसी मूविंग पार्ट्स के काम करने की क्षमता, जिससे यह शोर रहित और टिकाऊ होती है। SSD, जो फ्लैश मेमोरी पर आधारित है, तेजी से पारंपरिक HDD को प्रतिस्थापित कर रहा है, क्योंकि यह उच्च गति और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करता है।

    फ्लैश स्टोरेज डिवाइस के प्रकार | Types of Optical Storage Device

    एसएसडी - सॉलिड स्टेट ड्राइव |SSD - Solid State Drive

    सॉलिड-स्टेट ड्राइव (SSD) एक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करता है। इसमें कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते, जिससे यह ज्यादा टिकाऊ और विश्वसनीय होता है। इसे कभी-कभी सेमीकंडक्टर स्टोरेज डिवाइस या सॉलिड-स्टेट डिवाइस भी कहा जाता है। इसे सॉलिड-स्टेट डिस्क भी कहा जाता है क्योंकि इसे अक्सर हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) की तरह ही होस्ट सिस्टम के साथ जोड़ा जाता है।

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    SSDs के प्रकार| Types of SSDs
    SATA SSD
    • इंटरफेस: SATA (Serial ATA)
    • प्रोटोकॉल: AHCI (Advanced Host Controller Interface)
    • प्रदर्शन: NVMe SSDs की तुलना में धीमा, लेकिन पारंपरिक HDDs की तुलना में तेज़।
    • संगतता:अधिकांश सिस्टम्स के साथ SATA इंटरफेस के माध्यम से संगत।
    • उपयोग: सामान्य स्टोरेज के लिए, जहां उच्च गति की आवश्यकता नहीं होती।
    NVMe (Non-Volatile Memory Express) SSD
    • इंटरफेस: PCIe (Peripheral Component Interconnect Express)
    • प्रोटोकॉल: NVMe (Non-Volatile Memory Express)
    • प्रदर्शन: SATA SSDs की तुलना में बहुत तेज़ ।
    • संगतता:M.2 स्लॉट या PCIe स्लॉट की आवश्यकता होती है जो NVMe को सपोर्ट करता है।
    • उपयोग: उच्च प्रदर्शन वाले कार्यों के लिए, जैसे गेमिंग, वीडियो एडिटिंग, और डेटा-गहन एप्लिकेशन।
    यूएसबी ड्राइव | USB Drive

    USB ड्राइव एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जिसे आसानी से कंप्यूटर या अन्य डिवाइस के USB पोर्ट में कनेक्ट किया जा सकता है। यह फ्लैश मेमोरी का उपयोग करता है, जिससे डेटा को स्टोर, ट्रांसफर, और बैकअप करना सरल और तेज़ होता है। USB ड्राइव्स छोटे आकार के होते हैं और इन्हें आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है, जिससे यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक डेटा को सुरक्षित रखने का एक लोकप्रिय विकल्प है।

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    मेमोरी कार्ड | Memory Card

    मेमोरी कार्ड एक छोटा, पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जो डिजिटल कैमरा, स्मार्टफोन, टैबलेट, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में डेटा को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह फ्लैश मेमोरी तकनीक पर आधारित होता है और फ़ोटो, वीडियो, ऑडियो फाइल्स, और अन्य डिजिटल डेटा को सुरक्षित रूप से स्टोर और ट्रांसफर करने में सक्षम होता है। मेमोरी कार्ड्स विभिन्न आकारों और क्षमता में उपलब्ध होते हैं, जैसे SD (Secure Digital )कार्ड, microSD कार्ड, और CF (CompactFlash) कार्ड, जो अलग-अलग डिवाइस और उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार चुने जाते हैं।

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    सेकेंडरी मेमोरी और प्राइमरी मेमोरी के बीच अंतर | Difference between Secondary memory and Primary Memory

    सेकेंडरी मेमोरी और प्राइमरी मेमोरी के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। इनका उपयोग, स्टोरेज कैपेसिटी, और डेटा की वोलाटिलिटी के आधार पर इन दोनों प्रकार की मेमोरी को अलग-अलग कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है।

    डेटा एक्सेस स्पीड ( Data Access Speed)

    प्राइमरी मेमोरी, जैसे कि RAM, की स्पीड सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक होती है। यह CPU के लिए सीधे उपलब्ध होती है और डेटा को तीव्र गति से एक्सेस करने में सक्षम होती है। इसके विपरीत, सेकेंडरी मेमोरी की एक्सेस स्पीड अपेक्षाकृत कम होती है क्योंकि इसे CPU के साथ सीधे इंटरफेस नहीं किया जाता। इसके लिए डेटा को पहले प्राइमरी मेमोरी में लोड करना पड़ता है, जिसके बाद ही CPU इसे एक्सेस कर सकता है।

    स्टोरेज कैपेसिटी (Storage Capacity)

    प्राइमरी मेमोरी की स्टोरेज कैपेसिटी सीमित होती है और इसे केवल अस्थायी डेटा स्टोरेज के लिए उपयोग किया जाता है। जबकि सेकेंडरी मेमोरी में अधिक स्टोरेज कैपेसिटी होती है, जिससे यह बड़ी मात्रा में डेटा को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है। HDD और SSD जैसे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस में टेराबाइट्स (TB) तक डेटा को स्टोर किया जा सकता है।

    वोलाटिलिटी (Volatility)

    प्राइमरी मेमोरी वोलाटाइल होती है, जिसका अर्थ है कि जैसे ही कंप्यूटर की बिजली बंद हो जाती है, उसमें स्टोर किया गया डेटा मिट जाता है। इसके विपरीत, सेकेंडरी मेमोरी नॉन-वोलाटाइल होती है, जिसमें डेटा बिजली बंद होने के बाद भी सुरक्षित रहता है। यह मेमोरी सिस्टम के पुनः चालू होने पर भी डेटा को उपलब्ध कराती है।

    सेकेंडरी स्टोरेज का महत्व | Importance of secondary Storage

    डेटा का बैकअप (Data Backup)

    कंप्यूटर में हर तरह के डेटा, जैसे कि दस्तावेज़, चित्र, वीडियो, और सॉफ़्टवेयर, को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सेकेंडरी मेमोरी की आवश्यकता होती है। यह डेटा का बैकअप तैयार करने में सहायक होती है, जिससे यदि कभी प्राइमरी मेमोरी में डेटा खो जाए तो उसे सेकेंडरी मेमोरी से पुनः प्राप्त किया जा सके।

    डेटा की स्थायीत्व (Data Persistence)

    सेकेंडरी मेमोरी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करती है, चाहे कंप्यूटर बंद हो जाए या पावर सप्लाई खत्म हो जाए। इसका महत्व तब और बढ़ जाता है जब डेटा की सुरक्षा की बात आती है। इसके बिना कंप्यूटर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, और महत्वपूर्ण डेटा खो सकता है।

    बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करने की क्षमता (Store large amounts of data)

    आज के डिजिटल युग में, डेटा की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली फोटोज़, HD वीडियो, और अन्य डिजिटल फाइल्स को स्टोर करने के लिए बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी की आवश्यकता होती है। सेकेंडरी मेमोरी, विशेषकर HDD और SSD, इस बड़ी मात्रा में डेटा को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं।

    प्रश्नोत्तर (Question and Answer)

    प्रश्न 1: RAID (Redundant Array of Independent Disks) क्या है?

    उत्तर:RAID एक तकनीक है जिसका उपयोग एक से अधिक हार्ड ड्राइव को एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है ताकि डेटा की सुरक्षा और परफॉर्मेंस बढ़ सके।

    प्रश्न 2: डेटा बैकअप क्या होता है?

    उत्तर:डेटा बैकअप एक प्रक्रिया है जिसमें महत्वपूर्ण डेटा की एक अतिरिक्त प्रति बनाई जाती है ताकि डेटा खोने या भ्रष्ट होने की स्थिति में उसे पुनर्प्राप्त किया जा सके।

    प्रश्न 3: क्लाउड स्टोरेज क्या है?

    उत्तर:क्लाउड स्टोरेज एक ऑनलाइन सेवा है जहां आप डेटा को इंटरनेट के माध्यम से स्टोर कर सकते हैं और कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।

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