कंप्यूटर उद्योग का विकास मानवीय आवश्यकताओं और चुनौतियों से जुड़ा हुआ है। शुरुआत में, गणना करने के लिए मैन्युअल तरीकों का इस्तेमाल किया जाता था, जो न केवल धीमे थे बल्कि त्रुटियों की संभावना भी अधिक थी। समय के साथ, तेज और सटीक गणना करने की मांग बढ़ती गई, जिसके चलते नए और बेहतर उपकरणों के विकास की आवश्यकता महसूस हुई। यही वजह है कि गणना के क्षेत्र में निरंतर प्रयास होते रहे, और इसकी शुरुआत अबेकस जैसे साधारण उपकरणोंसे हुई। आज हम उसी यात्रा के परिणामस्वरूप अत्याधुनिक और अविश्वसनीय गति वाले कंप्यूटरों तक पहुँचे हैं। चलिए, इस विकास यात्रा को समझने के लिए शुरुआती गणना उपकरणों पर एक नजर डालते हैं।
विषय-सूची | Table of Contents
- अबेकस | Abacus
- नेपियर बोन्स | Napier’s Bones
- स्लाइड रूल | Slide Rule
- पास्कलाइन | Pascaline
- लाइबनिट्स कैलकुलेटर | Leibniz Calculator
- जैक्वार्ड लूम | Jacquard’s Loom
- डिफरेंस इंजन | Difference Engine
- एनालिटिकल इंजन | Analytical Engine
- टेबुलटिंग मशीन | Tabulating Machine
- ट्यूरिंग मशीन | Turing Machine
- ज़ूस Z3 | Zuse Z3
- एटानासॉफ़-बेरी कंप्यूटर | Atanasoff-Berry Computer (ABC)
- मार्क 1 | Mark 1
- स्टोर्ड प्रोग्राम की अवधारणा | Stored Program Concept
- प्रश्नोत्तर सेक्शन | FAQs सेक्शन
- वीडियो सेक्शन
अबेकस | Abacus
अबेकस का आविष्कार (Invention of Abacus)
- अबेकस का आविष्कार लगभग 2700-2300 ईसा पूर्व प्राचीन मेसोपोटामिया (Mesopotamia) में हुआ था।
- समय के साथ, इसे चीन, जापान, रोम और अन्य सभ्यताओं में विकसित और उपयोग किया गया।
अबेकस की संरचना (structure of abacus)
- अबेकस में एक आयताकार फ्रेम (rectangular frame) होता है, जिसमें लकड़ी या धातु की छड़ें (rods) लगी होती हैं।
- इन छड़ों पर मोती (beads) लगे होते हैं, जिन्हें ऊपर-नीचे करके गणना की जाती है।
अबेकस के उपयोग (uses of abacus)
- अबेकस का उपयोग जोड़ (addition), घटाव (subtraction), गुणा (multiplication) और भाग (division) जैसी बुनियादी गणितीय गणना के लिए किया जाता है।
अबेकस का महत्व (importance of abacus)
- यह दुनिया का पहला गणना उपकरण (1st Counting Device) है ।
- यह एक यांत्रिक उपकरण (mechanical device) है, जिसमें बिजली या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती।
अबेकस के अन्य नाम (Other Names of Abacus)
- काउंटिंग फ्रेम
- गिनतारा
- अबेकस को विभिन्न संस्कृतियों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे:
- चीन में सुआनपान (Suanpan)
- जापान में सोरोबान (Soroban)
- रोम में एबैकस (Abacus)
नेपियर बोन्स | Napier’s Bones
नेपियर बोन्स आविष्कार (Napier's bones invention)
- नेपियर बोन्स (Napier's Bones) का आविष्कार स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर (John Napier) ने 1617 में किया था।
नेपियर बोन्स की संरचना (Napier's bones structure)
- नेपियर बोन्स आयताकार छड़ों (rectangular rods) से बनी होती हैं ।
- ये छड़ें आमतौर पर लकड़ी, हाथीदांत (ivory) या धातु से बनी होती हैं।
- प्रत्येक छड़ पर संख्याएँ (numbers) लिखी होती हैं, जो एक विशिष्ट पैटर्न (specific pattern) में व्यवस्थित होती हैं।

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नेपियर बोन्स के उपयोग (Uses of Napier Bones)
- यह एक मैन्युअल गणना उपकरण (manual calculating device) था, जो गुणा (multiplication) और भाग (division) जैसी गणितीय क्रियाओं को आसान बनाने के लिए बनाया गया था।
नेपियर बोन्स के अन्य नाम (Other names for Napier Bones)
- नेपियर के बोन्स को नेपियर रॉड्स (Napier's Rods) के नाम से भी जाना जाता है।
नेपियर अन्य योगदान (Napier Other Contributions)
- नेपियर ने 1614 में लघुगणक का भी आविष्कार किया था ।
स्लाइड रूल | Slide Rule
स्लाइड रूल का आविष्कार (The invention of the slide rule)
- स्लाइड रूल (Slide Rule) का आविष्कार 1620-1622 के बीच विलियम आउट्रेड (William Oughtred) ने किया था।
स्लाइड रूल की संरचना (Structure of Slide Rule)
- स्लाइड रूल दो पट्टियों (स्लाइड्स) और एक मार्कर से बना होता है।
- पट्टियों पर लघुगणकीय (logarithmic) स्केल बने होते हैं, जो गणनाओं को आसान बनाते हैं।

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स्लाइड रूल के अन्य नाम (Other Slide Rule Names)
- इसे लघुगणक रूल (Logarithmic Rule) या गणना रूल (Calculation Rule) के नाम से भी जाना जाता है।
स्लाइड रूल के उपयोग (Uses of Slide Rule)
- स्लाइड रूल का उपयोग गुणा, भाग, वर्गमूल और त्रिकोणमितीय गणनाओं (trigonometric calculations) के लिए किया जाता था। कंप्यूटर के आविष्कार से पहले यह इंजीनियरिंग, विज्ञान और गणित के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपकरण था । स्लाइड रूल लघुगणक (logarithm) के सिद्धांत पर काम करता है। लघुगणक की मदद से जटिल गणनाएं जैसे गुणा, भाग, वर्गमूल आदि सरल हो जाती हैं।
पास्कलाइन | Pascaline
पास्कलाइन का आविष्कार (Pascaline Invention)
- पास्कलाइन का आविष्कार 1642 में फ्रांसीसी गणितज्ञ और वैज्ञानिक ब्लेज़ पास्कल (Blaise Pascal) ने किया था।
पास्कलाइन की संरचना (Structure of Pascaline)
- पास्कलाइन एक यांत्रिक कैलकुलेटर (mechanical calculator) था, जिसमें गियर (gears) और पहियों (wheels) का उपयोग किया जाता था।
- पहिये पर संख्या अंकित रहते थे, और जब पहिये घुमाए जाते थे, तो संख्याएँ बदलती थीं।
- यह ओडोमीटर के सिद्धांत पर काम करता है ।

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पास्कलाइन का उपयोग (Pascaline Uses):
- पास्कलाइन जोड़ (addition) और घटाव (subtraction) करने में सक्षम था।
- यह पहला ज्ञात यांत्रिक उपकरण था जो स्वचालित रूप से (automatically) गणनाएँ कर सकता था।
- इसे टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) के काम में सहायता के लिए विकसित किया गया था, ताकि गणना के कार्य को सरल और तेज़ बनाया जा सके।
पास्कलाइन के अन्य नाम (Other names of Pascaline)
- पास्कलाइन को पास्कल का कैलकुलेटर (Pascal's Calculator) , पास्कल का अरिथमोमीटर (Pascal's Arithmometer), Arithmetic Machine, Adding Machine आदि नामो से जाना जाता है।
पास्कलाइन का महत्व (The Importance of Pascaline)
- पास्कलाइन को पहला यांत्रिक कैलकुलेटर (first mechanical calculator) माना जाता है।
- इसने आधुनिक कंप्यूटर और कैलकुलेटर के विकास की नींव रखी।
लाइबनिट्स कैलकुलेटर | Leibniz Calculator
लाइबनिट्स कैलकुलेटर का आविष्कार (The invention of the Leibniz calculator)
- लाइबनिट्स कैलकुलेटर को जर्मन गणितज्ञ और दार्शनिक गॉटफ्रीड विल्हेम लाइबनिट्स (Gottfried Wilhelm Leibniz) ने 1673 में विकसित किया था।
लाइबनिट्स कैलकुलेटर की संरचना (Structure of Leibniz Calculator)
- लाइबनिट्स कैलकुलेटर एक यांत्रिक उपकरण (mechanical device) था, जो स्टेप्ड ड्रम (Stepped Drum) पर आधारित था।
- इस ड्रम को लाइबनिट्स व्हील (Leibniz Wheel) भी कहा जाता है, जो संख्याओं को घुमाकर गणनाएँ करने में सक्षम था।
- यह उपकरण गियर (gears), पहिये (wheels), और ड्रम (drums) से बना था।

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लाइबनिट्स कैलकुलेटर के अन्य नाम (Other name of Leibnitz Calculator
- इस Leibniz Wheel, Stepped Drum Mechanism, Stepped Reckoner के नाम से भी जाना जाता है।
लाइबनिट्स कैलकुलेटर के उपयोग (Uses of Leibniz Calculator)
- लाइबनिट्स कैलकुलेटर जोड़ (addition), घटाव (subtraction), गुणा (multiplication), और भाग (division) करने में सक्षम था।
- यह पहला यांत्रिक उपकरण था, जो स्वचालित रूप से (automatically) गुणा और भाग कर सकता था।
लाइबनिट्स कैलकुलेटर का महत्व (Importance of Leibniz Calculator)
- पहला mechanical calculator जो चारो तरह के गणितीय गणना जैसे जोड़ ,घटाव , गुणा और भाग करने में सक्षम था
लाइबनिट्स के अन्य योगदान (Other contributions of Leibniz)
- लाइबनिट्स एक प्रमुख गणितज्ञ थे, जिन्होंने बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary Number System) को विकसित किया।
- बाइनरी संख्या प्रणाली आज की डिजिटल कंप्यूटिंग (Digital Computing) का आधार है।
जैक्वार्ड लूम | Jacquard’s Loom
जैक्वार्ड लूम एक ऐतिहासिक यांत्रिक उपकरण है जिसने बुनाई उद्योग और कंप्यूटिंग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां इसके आविष्कार, संरचना, सिद्धांत, उपयोग, अन्य नाम, और महत्व के आधार पर विस्तृत जानकारी दी गई है:
जैक्वार्ड लूम का आविष्कार (Invention of Jacquard Loom):
- जैक्वार्ड लूम का आविष्कार जोसेफ मैरी जैक्वार्ड (Joseph Marie Jacquard) ने 1804-1805 में किया।
जैक्वार्ड लूम की संरचना (Structure of Jacquard Loom)
- जैक्वार्ड लूम में पंच कार्ड का उपयोग किया गया था । पंच कार्ड में बने छेद (होल) मशीन को यह निर्देश देते थे कि कपड़े पर कौन सा डिज़ाइन बुनना है। प्रत्येक छेद एक विशेष धागे को नियंत्रित करता था, जिससे जटिल डिज़ाइन बनाना संभव हो गया। यह बाइनरी सिस्टम (0 और 1) का प्रारंभिक रूप था, जहां छेद (1) और बिना छेद (0) डेटा को दर्शाते थे।
- छेद (1) = धागा ऊपर उठाएं।
- बिना छेद (0) = धागा नीचे रखें। इसने प्रोग्रामिंग और स्वचालित मशीनों की नींव रखी।

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जैक्वार्ड लूम का उपयोग (Usage of Jacquard Loom)
- इसका मुख्य उपयोग कपड़ा बुनाई में जटिल डिज़ाइन को आसान और स्वचालित बनाना था।
- इसने पंच कार्ड (Punch Cards) का उपयोग करके धागों को नियंत्रित किया, जिससे पैटर्न स्वचालित रूप से बनाए जा सके।
जैक्वार्ड लूम का महत्व (Importance of Jacquard Loom)
- जैक्वार्ड लूम ने बुनाई उद्योग में क्रांति ला दी और कपड़ा उत्पादन को तेज और कुशल बना दिया।
- इसकी पंच कार्ड प्रणाली (Punch Card System) को बाद में प्रारंभिक कंप्यूटरों में डेटा स्टोरेज और प्रोग्रामिंग के लिए अपनाया गया।
- इसे स्वचालन (Automation) और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की शुरुआती अवधारणाओं में से एक माना जाता है।
- जैक्वार्ड लूम ने चार्ल्स बैबेज के एनालिटिकल इंजन के विकास को प्रेरित किया।
डिफरेंस इंजन | Difference engine
डिफरेंस इंजन का आविष्कार (Invention of Difference Engine)
- डिफरेंस इंजन का आविष्कार चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने 1822 में किया।
डिफरेंस इंजन का उद्देश्य (Purpose of the Difference Engine)
- इसका मुख्य उद्देश्य गणितीय टेबल (mathematical tables) को स्वचालित रूप से बनाना था, जैसे लघुगणक (logarithms) और त्रिकोणमितीय फंक्शन (trigonometric functions)।
डिफरेंस इंजन की संरचना (Structure of Difference Engine)
- यह एक यांत्रिक कंप्यूटर (mechanical computer) था, जो गणितीय गणनाएं करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- यह मशीन गियर, लीवर और शाफ्ट (gears, levers, and shafts) से बनी थी।

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डिफरेंस इंजन का महत्व (Importance of Difference Engine)
- डिफरेंस इंजन को आधुनिक कंप्यूटर का पूर्वज (ancestor of modern computers) माना जाता है।
डिफरेंस इंजन का पुनर्निर्माण (Rebuilding the Difference Engine)
- बैबेज के जीवनकाल में यह मशीन पूरी तरह से नहीं बन पाई, लेकिन बाद में 1991 में, लंदन के साइंस म्यूज़ियम (Science Museum) ने बैबेज के डिज़ाइन के आधार पर डिफरेंस इंजन 2 का पुनर्निर्माण किया।
- यह मशीन पूरी तरह से कार्यात्मक (functional) थी और इसने साबित किया कि बैबेज का डिज़ाइन सही था ।
एनालिटिकल इंजन | Analytical Engine
एनालिटिकल इंजन का आविष्कार (Invention of Analytical Engine)
- एनालिटिकल इंजन का आविष्कार चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने 1837 में किया।
- इस पर काम 1833 के आसपास शुरू हुआ था।
एनालिटिकल इंजन की संरचना (Structure of Analytical Engine)
- इसमें चार प्रमुख घटक थे:
- मिल (Mill): यह गणनाएं करता था और इसे आज के सीपीयू (CPU) की तरह माना जा सकता है।
- स्टोर (Store): यह डेटा और परिणामों को संग्रहीत करता था, जो आज की मेमोरी (Memory) की तरह है।
- रीडर (Reader): यह पंच कार्ड (punch cards) से डेटा और निर्देश पढ़ता था।
- प्रिंटर (Printer): यह परिणामों को प्रिंट करता था।
इसकी अवधारणा में वह सभी तत्व शामिल थे जो आधुनिक कंप्यूटरों में होते हैं, जैसे मेमोरी, सीपीयू, इनपुट, और आउटपुट।

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एनालिटिकल इंजन का महत्व (Importance of Analytical Engine)
- एनालिटिकल इंजन को आधुनिक कंप्यूटर का पहला डिज़ाइन (first design of modern computer) माना जाता है।
- चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटर के जनक (Father of Modern Computer) की उपाधि मिली।
- यह पहला प्रोग्रामेबल (Programmable) इंजन था, यानी इसमें विभिन्न प्रोग्राम लोड किए जा सकते थे और विभिन्न कार्य किए जा सकते थे। इसे पंच कार्ड (Punch Cards) की मदद से प्रोग्राम किया जा सकता था।
- एडा लवलेस (Ada Lovelace) ने एनालिटिकल इंजन के लिए पहला एल्गोरिथ्म (Algorithm) लिखा। उन्हें दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर (First Computer Programmer) माना जाता है।
एनालिटिकल इंजन ने प्रोग्रामेबल कंप्यूटिंग (Programmable Computing) की नींव रखी। हालांकि यह मशीन बैबेज के जीवनकाल में पूरी नहीं बन पाई, लेकिन इसने आधुनिक कंप्यूटरों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
टैब्युलेटिंग मशीन | Tabulating Machine
टैब्युलेटिंग मशीन का आविष्कार (Invention of the Tabulating Machine )
- टैब्युलेटिंग मशीन का आविष्कार हरमन होलेरिथ (Herman Hollerith) ने 1890 में किया था।
टेबुलटिंग मशीन के अन्य नाम (Other Names of Tabulating Machine)
- इसे होलेरिथ मशीन (Hollerith Machine) के नाम से भी जाना जाता है।
- जनगणना में उपयोग किये जाने के कारण इसे Census machine भी कहा जाता है ।
टैब्युलेटिंग मशीन का संरचना (Structure of Tabulating Machine)
- टैब्युलेटिंग मशीन में पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था, जिस पर डेटा को छिद्रों (holes) के रूप में स्टोर किया जाता था।
- यह मशीन इलेक्ट्रोमैकेनिकल (electromechanical) तकनीक पर आधारित थी, जिसमें स्विच और रिले (relays) का उपयोग किया गया था।
टैब्युलेटिंग मशीन का उपयोग (Usage of Tabulating Machine)
- टैब्युलेटिंग मशीन का उपयोग मुख्य रूप से जनगणना (census) और सांख्यिकीय डेटा (statistical data) के प्रोसेसिंग के लिए किया गया था।
- 1890 की अमेरिकी जनगणना में इस मशीन का उपयोग करके डेटा प्रोसेसिंग का समय काफी कम कर दिया गया।
- इसका उपयोग बाद में व्यावसायिक और वैज्ञानिक गणनाओं (commercial and scientific calculations) के लिए भी किया गया।
टैब्युलेटिंग मशीन कंपनी और IBM का जन्म (Birth of the Tabulating Machine Company and IBM)
- टैब्युलेटिंग मशीन की सफलता ने हरमन होलेरिथ को 1896 में टैब्युलेटिंग मशीन कंपनी (Tabulating Machine Company) की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया।
- 1911 में, टैब्युलेटिंग मशीन कंपनी का तीन अन्य कंपनियों (International Time Recording Company, Computing Scale Company, और Bundy Manufacturing Company) के साथ विलय हुआ। इस विलय से Computing Tabulating Recording Company (CTR) का गठन हुआ।
- 1924 में, CTR कंपनी का नाम बदलकर IBM (International Business Machines Corporation) कर दिया गया।
- IBM आज दुनिया की सबसे बड़ी और प्रभावशाली कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है।
ट्यूरिंग मशीन | Turing Machine
ट्यूरिंग मशीन का आविष्कार (The invention of the Turing machine)
- ट्यूरिंग मशीन का आविष्कार 1936 में ब्रिटिश गणितज्ञ और कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) ने किया था।
- यह एक सैद्धांतिक मॉडल है , जो कंप्यूटर और एल्गोरिदम की क्षमताओं को समझने के लिए बनाया गया था।
ट्यूरिंग मशीन का सिद्धांत (Principle of the Turing Machine)
- ट्यूरिंग मशीन एक सैद्धांतिक कंप्यूटर मॉडल है, जो किसी भी गणितीय समस्या को हल कर सकता है, बशर्ते उसे एक उचित एल्गोरिदम (algorithm) दिया जाए।
- यह चर्च-ट्यूरिंग थीसिस (Church-Turing Thesis) का आधार है, जो कहता है कि कोई भी गणना जो एक एल्गोरिदम द्वारा की जा सकती है, वह ट्यूरिंग मशीन द्वारा भी की जा सकती है।
ट्यूरिंग मशीन का अन्य नाम (Other name of Turing machine)
- इसे यूनिवर्सल ट्यूरिंग मशीन (Universal Turing Machine) भी कहा जाता है, क्योंकि यह किसी भी अन्य ट्यूरिंग मशीन के कार्यों को अनुकरण (simulate) कर सकती है।
ट्यूरिंग मशीन का उपयोग (Usage of Turing Machine)
- ट्यूरिंग मशीन का उपयोग कंप्यूटर विज्ञान में एल्गोरिदम, कंप्यूटेशनल थ्योरी (computational theory) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के अध्ययन के लिए किया जाता है।
- यह कंप्यूटर की सीमाओं और क्षमताओं को समझने में मदद करता है, जैसे कि कौन सी समस्याएं हल की जा सकती हैं और कौन सी नहीं।
ट्यूरिंग मशीन का महत्व (Importance of Turing Machine)
- ट्यूरिंग मशीन आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान की नींव है।
- एलन ट्यूरिंग को इस आविष्कार के लिए कंप्यूटर विज्ञान का जनक (Father of Computer Science) माना जाता है।
ज़ूस Z3 | Zuse Z3
ज़ूस Z3 के आविष्कारक (Inventor of Zuse Z3)
- कॉनराड ज़ूस (Konrad Zuse) ने 1941 में जर्मनी में Z3 को विकसित किया। लेकिन यह पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक नहीं था ।
ज़ूस Z3 का महत्व (Importance of Zuse Z3)
- पहला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर: Z3 दुनिया का पहला प्रोग्रामेबल और स्वचालित डिजिटल कंप्यूटर था।
एटानासॉफ़-बेरी कंप्यूटर | Atanasoff-Berry Computer (ABC)
एटानासॉफ़-बेरी के आविष्कारक (Inventor of Atanasoff-Berry)
- John Atanasoff और Clifford Berry ने 1937-1942 के बीच विकसित किया ।
ABC कंप्यूटर का महत्व (Importance of ABC Computer)
- यह दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था । यह एक विशेष उद्देश्य वाला कंप्यूटर था और सामान्य-उद्देश्य (General-Purpose) कंप्यूटर नहीं था। इसे पूरी तरह से प्रोग्रामेबल नहीं बनाया गया था।
- इसने बाइनरी सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक घटकों का उपयोग करके डेटा प्रोसेसिंग का नया तरीका पेश किया।
- ENIAC (जिसे पहले सामान्य-उद्देश्य वाला कंप्यूटर माना जाता था) के निर्माण में ABC कंप्यूटर के विचारों का उपयोग किया गया।
ABC vs ENIAC
- ABC: विशेष उद्देश्य वाला, बाइनरी सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक घटक।
- ENIAC: सामान्य-उद्देश्य वाला, दशमलव सिस्टम, पूरी तरह से प्रोग्रामेबल।
मार्क 1 | Mark 1
मार्क 1 का आविष्कार (Invention of the Mark 1)
- मार्क 1 का आविष्कार हॉवर्ड आइकेन (Howard Aiken) ने IBM कंपनी के सहयोग से Harvard University में 1944 में किया था।
मार्क 1 के अन्य नाम (Other names for Mark 1)
- मार्क 1 को Automatic Sequence Controlled Calculator (ASCC) के नाम से भी जाना जाता है।
- Harvard Mark I
मार्क 1 का महत्व (Importance of Mark 1)
- मार्क 1 पहला ऑपरेशनल (संचालित) जनरल-पर्पज़ इलेक्ट्रोमैकेनिकल कंप्यूटर था ।
स्टोर्ड प्रोग्राम की अवधारणा | Stored Program Concept
Stored Program Concept वह सिद्धांत है जिसमें प्रोग्राम (निर्देश) और डेटा को एक ही मेमोरी में संग्रहीत किया जाता है। यह आधुनिक कंप्यूटरों की बुनियादी कार्यप्रणाली का आधार है। इस अवधारणा की मुख्य बातें :
- 1945 में, Dr. John Von Neumann ने एक Stored Program Computer की अवधारणा का प्रस्ताव रखा।
- इस अवधारणा के अनुसार Program और Data को एक ही Memory Unit में संग्रहीत किया जा सकता है । प्रोसेसर कंप्यूटर की मेमोरी में संग्रहीत निर्देशों को निष्पादित करता है।
- आज के सभी मॉडर्न कंप्यूटर, स्मार्टफोन, और AI सिस्टम इसी Stored Program Concept पर काम करते हैं ।
- EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer) : Stored Program की अवधारणा पर आधारित कंप्यूटर था। (1944 - 1949) ,जिसे John von Neumann ने प्रस्तावित किया था। लेकिन पूरी तरह से उपयोग में नहीं आया ।
- Manchester Baby : Manchester Baby (SSEM) दुनिया का पहला कंप्यूटर था, जिसने स्टोर्ड-प्रोग्राम कॉन्सेप्ट को सफलतापूर्वक लागू किया (1948) |
- EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator) – पहला व्यावहारिक स्टोर्ड-प्रोग्राम कंप्यूटर था, जिसे 1947 – 1949 में Maurice Wilkes ने विकसित किया था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) को पहला प्रोग्राम करने योग्य सामान्य उद्देशीय प्रोग्रामेबल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर माना जाता है। इसे 1945 में John Presper Eckert और John Mauchly ने बनाया था। यह वैक्यूम ट्यूब्स पर आधारित था और पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक था।
हालांकि, ABC (Atanasoff-Berry Computer), जिसे 1937-1942 के बीच बनाया गया था, को कुछ लोग पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर मानते हैं। लेकिन ABC पूरी तरह से प्रोग्राम करने योग्य नहीं था और केवल विशिष्ट समस्याओं को हल कर सकता था। इसलिए, ENIAC को आमतौर पर पहला पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर माना जाता है।